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30 Mar 2022 · 1 min read

अब रुकना नहीं

उग गया है सूरज अब
लंबी अंधेरी रात के बाद
अब रुकना नहीं राह में
इतनी सी बात रखना याद।।

है ये राह सबसे अलग तेरी
है नई चुनौती हर कदम के बाद
टिकाकर एक पैर धरा पर अच्छे से
दूजा पांव आगे बढ़ाना उसके बाद।।

बढ़ना आगे तुम सोच समझकर
अपने साथियों को भी रखना साथ
मिलकर ही होंगी कुछ बाधाएं पार
हमेशा याद रखना तुम ये मेरी बात।।

होगा मुकाबला कांटों से कभी
कभी मिलेगी तुम्हें चढ़ाई बहुत
संभलकर बचना कांटों से तुम
जो चुभ जाए तो देते है दर्द बहुत।।

मिले चढ़ाई कभी तो उसे धीरे से चढ़ना
बस थककर कहीं रूक न जाना तुम
उतराई उतरने का तरीका अलग है थोड़ा
बस अपनी रफ़्तार को कम कर लेना तुम।।

इस राह में मिलेंगे कई पत्थर भी तुम्हें
रोकना चाहेंगे जो आगे बढ़ने से तुम्हें
है यही बेहतर बचकर उनसे आगे बढ़ो
टकराकर उनसे नहीं है आज गिरना तुम्हें।।

फितरत है जो भी जिसकी यहां
करता है वही फिर वो आकर यहां
तुम्हें बस राह पर आगे बढ़ना है
निगाहें लगाकर बैठा है जग यहां।।

मिलेगी मंज़िल बढ़ते रहना है बस
चांद तारों को भी है तुम्हें छूना कल
आज की मेहनत कल रंग लायेगी
बस तू अपनी रफ़्तार से चलता चल।।

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