कौओं का संसार
लिखने को तो लिख रहे, हम सब गीत हज़ार
कम बड़ी यह बात नहीं, देख समय की धार
यूँ ही लय में सब रहें, यह जीवन अनमोल
कहती कोयल हर घड़ी, कौओं का संसार।।
सूर्यकांत द्विवेदी
लिखने को तो लिख रहे, हम सब गीत हज़ार
कम बड़ी यह बात नहीं, देख समय की धार
यूँ ही लय में सब रहें, यह जीवन अनमोल
कहती कोयल हर घड़ी, कौओं का संसार।।
सूर्यकांत द्विवेदी