Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
21 Mar 2022 · 1 min read

√√तिजोरी धरी रह गयी (भक्ति-गीत)

तिजोरी धरी रह गयी (भक्ति-गीत)
■■■■■■■■■■■■■■
घर में रक्खी तिजोरी धरी रह गई
(1)
लकड़ियों बीच जल- जल के रोना पड़ा
एक मटकी में बन राख सोना पड़ा
पूरी-सब्जी-कचोरी धरी रह गई
( 2)
लेट अर्थी के ऊपर भी जाना पड़ा
चार लोगों को कंधा लगाना पड़ा
गाड़ी थी किंतु कोरी धरी रह गई
(3)
जब गए जेब में फूटी कौड़ी नहीं
चेक-बुक बैंक की सँग में दौड़ी नहीं
जो भी दौलत बटोरी धरी रह गई
(4)
कोई बीमार था, खा के गच्चा गया
नवयुवक वृद्ध था, कोई बच्चा गया
हर दुआ, माँ की लोरी धरी रह गई
——————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तरप्रदेश
मोबाइल 99976 15451

Loading...