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26 Nov 2021 · 1 min read

बाल विवाह

विधा-मुक्तक

अबहिन बेटी एतने जाने,पढ़ल-लिखल खेलल-खाइल।
देखि झंँवाइल ई का होता,जब डोली दुवरे आइल।
रहे बाप-माई के चिन्ता,जाँह पबित्तर हो जाओ,
बेटी हो तूँ बर के भइलू ,हाथ-बाँहि अब पकड़ाइल।

**माया शर्मा, पंचदेवरी, गोपालगंज (बिहार)**

Language: Bhojpuri
286 Views

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