आँखो में चाँदनी है चेहरे पे सादगी है
मतला-
आँखो में चाँदनी है चहरे पे सादगी है।
तितली हवा नदी जैसी मेरी हमनशी है।
माना कि बंद रखता है तू जुबान अपनी,
पर राज सारे दिल के आँखे तो बोलती है।
तुझसे अलग मैं होकर क्या ख्वाब देखूँ दूजा,
तेरी खुशी में ही अब तो मेरी हर खुशी है।
दिल बन गया समन्दर गम का ऐ जाने जाना,
आ जाओ माफ कर दो जो भी खता हुयी है।
क्या दास्तां मुहब्बत की यार हम सुनायें,
तन्हाइयों के घेरे में आँख रो रही है।
है मशवरा मेरा ये जी खूब जिंदगी को,
कल क्या पता न हो वो सब आज जो अभी है।
सातों जनम का वादा कैसे निभायेगा तू,
ये जिंदगी तो यारा बस एक रात की है।
यूँ हर किसी पे उँगली ऐ यार मत उठा तू,
तुझमें भी कुछ कमी है मुझमें भी कुछ कमी है।
मक्ता-
कुछ भी विनोद हासिल तकरार से न होगा,
मिलकर के साथ रहना ही यार जिंदगी है।
#विनोद