Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
29 Nov 2023 · 1 min read

■ कृष्ण_पक्ष

#दूसरा_पहलू-
■ पाओ मौक़ा, मारो चौका
【प्रणय प्रभात】

प्रकृति को छेड़ो,
आपदा को बुलाओ।
आस्था से खेलो,
मुसीबत को लाओ।
आई बला को,
सुर्खी बनाओ।
इसी सुर्खी को,
अवसर बनाओ।
अवसर का लाभ,
जम कर उठाओ।
भूल की समाधि पर,
जीत का मेला सजाओ।
आतिशबाज़ी छोड़ो,
ढोल-नगाड़े बजाओ।
मिठाई व माला के साथ,
मदद के चेक़ थमाओ।
खूब ताल ठोक कर,
तालियां पिटवाओ।
खेल और खिलवाड़ के,
अपराध को छुपाओ।
प्रशंसा के पुल बांधो,
परस्पर पीठ थपथपाओ।
त्रासदी को पहले पर्व,
फिर एक मुद्दा बनाओ।
मीडिया की मदद से,
मुद्दे को खूब पकाओ।
उसे अगले चुनाव का,
बड़ा मामला बनाओ।
जनभावना जगा कर,
जनमत पक्ष में करो।
एक बार फिर से,
सत्ता की सवारी करो।
ताकि फिर से मिले,
प्रकृति को छेड़ने का मौका,
और आप आपदा की पिच पर,
मार सकें एक और चौका।।
■प्रणय प्रभात■
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)

Loading...