Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2024 · 1 min read

लहर लहर लहराना है

लहर लहर लहराना है
उत्ताल सिंधु तरंगों संग
उन्नत नभ में उड़ जाना है
आनंद का विहंगम बन।

~माधुरी महाकाश

2 Likes · 195 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Madhuri mahakash
View all

You may also like these posts

धुल जाएगी रंगत फूलों की ,
धुल जाएगी रंगत फूलों की ,
विवेक दुबे "निश्चल"
भारत का युवा
भारत का युवा
विजय कुमार अग्रवाल
अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
_सुलेखा.
मोहब्बत का तोफा लेकर
मोहब्बत का तोफा लेकर
goutam shaw
नूर ओ रंगत कुर्बान शक्ल की,
नूर ओ रंगत कुर्बान शक्ल की,
ओसमणी साहू 'ओश'
ख़त्म रिश्ता हो गया तो ,अब निशानी किस लिए
ख़त्म रिश्ता हो गया तो ,अब निशानी किस लिए
Neelofar Khan
आने को तो आ जाएंगे बेदिल वफ़ा के साथ....
आने को तो आ जाएंगे बेदिल वफ़ा के साथ....
दीपक झा रुद्रा
यमराज का हुड़दंग
यमराज का हुड़दंग
Sudhir srivastava
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
वो चुपचाप आए और एक बार फिर खेला कर गए !
वो चुपचाप आए और एक बार फिर खेला कर गए !
सुशील कुमार 'नवीन'
My Bird
My Bird
Bindesh kumar jha
life is an echo
life is an echo
पूर्वार्थ
आप ही बदल गए
आप ही बदल गए
Pratibha Pandey
*होटल राजमहल हुए, महाराज सब आम (कुंडलिया)*
*होटल राजमहल हुए, महाराज सब आम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मेरी यादें
मेरी यादें
Dr fauzia Naseem shad
बनकर हवा का झोंका तेरे शहर में आऊंगा एक दिन,
बनकर हवा का झोंका तेरे शहर में आऊंगा एक दिन,
डी. के. निवातिया
मोहब्बत किए है।
मोहब्बत किए है।
Rj Anand Prajapati
मेरी कलम आग उगलेगी...
मेरी कलम आग उगलेगी...
Ajit Kumar "Karn"
..
..
*प्रणय प्रभात*
आप कौन है, आप शरीर है या शरीर में जो बैठा है वो
आप कौन है, आप शरीर है या शरीर में जो बैठा है वो
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
मेरे मन आँगन में
मेरे मन आँगन में
हिमांशु Kulshrestha
2913.*पूर्णिका*
2913.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"सिलसिला"
Dr. Kishan tandon kranti
स्वतंत्र
स्वतंत्र
Shashi Mahajan
221 212 2 221 2122
221 212 2 221 2122
SZUBAIR KHAN KHAN
नेता
नेता
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
-गलतिया -
-गलतिया -
bharat gehlot
भस्म लगाई जिस्म पर,
भस्म लगाई जिस्म पर,
sushil sarna
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
संजय कुमार संजू
प्रेम दिवानों  ❤️
प्रेम दिवानों ❤️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...