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27 Jan 2022 · 1 min read

किताब ~~

कम ना समझ तू इन किताबों की ‘गूंज’ को,
ज़माने के तजुर्बों को इसने, कैद करा है,
कभी खोल कर देख वो तिलिस्म, जो छुपा है इसमें,
प्रेम,विरह,धोखा,पैसा,ज्ञान,भगवान सब लिखा है,
पढ़ लेना कभी फुरसत में,ये कुछ पन्नों की किताबें,
समेटकर इसमें ब्रह्मांड का, हर राज़ लिखा है ।

◆©ऋषि सिंह “गूंज”

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