कुर्सी मैया की वंदना
कुर्सी मैया की वंदना ???
हाथ जोड़ कर मांगते, नेता जी वरदान।
सुख वैभव की दायिनी,करो सहज कल्यान।।(१)
छोटे मॅझले औ बड़े,सब का तुमको ध्यान।
हे कुर्सी मैया मुझे, करवा दो यह भान।।(२)
मैं भी बैठूं शान से, इठला कर इस बार।
हे मां वैभव दायिनी, कर दो अब उपकार।।(३)
रौब दिखा कर मैं करूं, सबको यह आदेश।
नेता जी अब व्यस्त हैं,वर्जित स्वत:प्रवेश।।(४)
वंदन,अर्चन,प्रार्थना, कर लो अब स्वीकार।
कुर्सी का आनंद भी, चखवा दो इस बार।।(५)
?अटल मुरादाबादी?