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9 Dec 2021 · 1 min read

भारत की बेटी

तांटक छंद

वीर रस
मात्रा भार 16/14
दूसरे, चौथे चरण में 222

मैं जिस भारत की बेटी हूं,
उसका गीत सुनाती हूं।
जिसका नाम विश्व में ऊंचा,
उसका नित गुण गाती हूं।

था भारत सोने का पंछी,
आ शत्रुओं ने लूटा था ।
बार-बार की लूटपाट से,
एक कोना न छूटा था।

साहसी, शौर्यवान भारत,
का कौन कुछ बिगड़ेगा।
आ देश का बच्चा-बच्चा,
इसे खूब संवारेगा ।

‌ पाकिस्तान और चीन के लिए

क्या हुआ जो इसका सहोदर,
नित षड्यंत्र रचाए हैं।
विवेक घुटनों में धंस रहा ,
जीभा अति ललचाए हैं।

उत्तरी पड़ोसी भी नित नया,
कुटिल खोजे रचाता है ।
जग में फैला कर बीमारी,
कैसी चाल चलाता है ।

ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर (हि० प्र०)

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