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8 Dec 2021 · 1 min read

कभी अपने घर भी हमे बुलाया करो

कभी अपने घर भी हमे बुलाया करो,
लगते है कुछ तुम्हारे आया जाया करो।

जिंदगी में मायूस होने से है क्या फायदा।
इस जिंदगी में हमेशा मुस्कराया करो।

दिल को गमगीन करके मिले क्या तुमको।
इस दिल को हमेशा तुम बहलाया करो।।

अगर माने न कहना ये दिल बाते तुम्हारी।
कभी कभी इसे लालच देकर फुसलाया करो।

नींद न आए जब दिल को चांदनी रात में
थपकी देकर इसको हमेशा सुलाया करो।

मुरझाने लगे कभी ये दिल किसी गम को लेकर
इश्क के बाथरूम में ले जाकर इसे नहलाया करो।

लिख रहा है रस्तोगी इस गजल को तेरे इश्क में।
कभी कभी इस इश्क को गजल मे दर्शाया करो।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

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