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22 Nov 2021 · 1 min read

शिव त्रिशूल पर वशा हैं काशी, काशी के शिव है वाशी

मुखरा

शिव त्रिशूल पर वसा हैं काशी,काशी के हैं शिव वासी-2
जटाजोट भंग सेवन करते, हैं अमर अभिनाशी।।-2
श्रृधा सुमन तुम अर्पण कर दो होते सबपे सहाय
बोलों ॐ नमः शिवाय-2

अंतरा

धर्म कर्म मोझ पाना है तो काशी में तुम आना।
कर अभिषेक जल से प्रभु का मन वांचीत फल पाना।।-2
भोलेनाथ है भोले शंकर देते दुखरा मिटाय
बोलों ॐ नमः शिवाय-2

2. शिव से मिलने देवलोक आते,काशी की धरती पर
मिलेगा वही जो चाहोगे तुम करलें भरोसा भक्ती पर।।-2
दौड़े दौड़े आते हैं वो लो उनको आज बुलाय
बोलों ॐ नमः शिवाय-2

गीतकार रौशन राय बांकी
तारीक-24-02-2021
मोबाइल-9515651283आ7859042461

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