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14 Nov 2021 · 1 min read

//... सुप्रभात...//

//…सुप्रभात…//
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जीवन है ,
एक वीणा…

सुख-दुख ,
इसके तार…!

इन दो
पहलू के ,
भंवर जाल
के बंधन में,
उलझा है ,
सारा संसार…!

इसलिए,
अपनी और
दूसरों की
बजाते रहो…!

दूसरों को ,
हंसाओ और
खुद हमेशा ,
मुस्कुराते रहो…!

रोज का दिन ,
सब प्राणियों का,
मंगलमय हो…!

हम चले सभी ,
प्रेम ,शांति और
नेकी की राह पर..

हम सब की सदा ही,
जय हो ,विजय हो…!

चिन्ता नेताम ‘ मन ‘
डोंगरगांव (छत्तीसगढ़)

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