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5 Nov 2021 · 1 min read

शायरी का मतलब

अगर ज़ुल्मत में ये
शरारा न बन सकें!
अगर ग़फ़लत में ये
इशारा न बन सकें!!
तो मेरे शेरों को तुम
कचरे में फेंक देना!
अगर मुसीबत में ये
सहारा न बन सकें!!
Shekhar Chandra Mitra

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