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3 Nov 2021 · 1 min read

मुहब्बत के दिये

मुहब्बत के दिये हम सब जलाएं इस दिवाली पर
अंधेरे नफरतों के अब मिटाएं इस दिवाली पर

नहीं हो बैर आपस में बनाए प्यार का भारत
जमाने से बुराई सब मिटाएं इस दिवाली पर

पटाखे फुलझड़ी बम चरखियों से दूर रहना है
सुखद वातावरण अपना बनाएं इस दिवाली पर

सभी को हम करें शामिल खुशी फिर दोगुनी होगी
ग़रीबों को न हमतुम भूल जाएं इस दिवाली पर

उसे कल राम ने मारा यह गुज़री बात है देखो
मगर रावन को दिल से भी भगाएं इस दिवाली पर

मिटे कालिख बुराई की हमारे देश से “अरशद”
रंगोली आज कुछ ऐसी बनाएं इस दिवाली पर

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