तखलीक की निखार भी तनकीद ही से है ।
तखलीक की निखार भी तनकीद ही से है ।
कांटों में रहना होगा अगर फूल बनोगे ।
नामुमकिन मराहिल पे फतह होगी तुम्हारी।
यह शर्त है गर राह पे तुम चलते रहोगे।
तखलीक= निर्माण, सृजन,पैदा करना
तनकीद= criticism،आलोचना
मराहिल =चरण
फतह= विजय ,जीत
राह= रास्ता , मार्ग