राज दिल में हमें ये छुपाना पड़ा
राज दिल में हमें ये छुपाना पड़ा
याद को आशियाना बनाना पड़ा
ठोकरें खूब मिलती रहीं राह में
बोझ उनका हमें खुद उठाना पड़ा
अश्क पी -पी के हम जी रहे हैं यहाँ
उनकी खातिर हमें मुस्कुराना पड़ा
जब नज़र से उन्होंने निवेदन किया
गीत फिर प्यार का इक सुनाना पड़ा
रोज सपनों में आने का वादा किया
रात क्या दिन में खुद को सुलाना पड़ा
अर्चना इस जुदाई को सहना कठिन
उनको झूठी खबर से बुलाना पड़ा