Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Sep 2021 · 1 min read

शिक्षक दिवस पर गीत

किताबी ज्ञान ही केवल नहीं शिक्षक पढ़ाते हैं
बुराई से सदा बचकर हमें चलना बताते हैं
भरें ये ज्ञान से अपने हमारी रिक्त झोली को
विधाता हैं हमारे ये हमें जीना सिखाते हैं

निराशा में दिये आशा भरे हमको जलाने हैं
अँधेरे हो घिरे कितने उजाले ढूंढ लाने हैं
बढाते हौसला रहते हमें ये बात समझाकर
न हमको हार से डरकर कदम पीछे हटाने हैं
बड़ी है बात यह शिक्षक हमें हम से मिलाते हैं
विधाता हैं….

हमें माँ पाठ ममता त्याग का पढ़ना सिखाती है
पिता की सीख जीवन भर हमारे काम आती है
पढ़ाते हैं हमें शिक्षक हमारे मार्गदर्शक बन
तभी तो मंज़िलों की राह हो आसान जाती है
हमारी ज़िंदगी के ये बड़े अनमोल नाते हैं
विधाता हैं…

सदा शिक्षक दिशा देकर भला करते हमारा हैं
फँसे मझधार में जब हम दिखाते ये किनारा हैं
सिखाते मुश्किलों से भी हमें हँसते हुए लड़ना
कहीं हम लड़खड़ाते तो हमें देते सहारा हैं
हमें गोविंद पाने का यही रस्ता बताते हैं
विधाता हैं…

04-09-2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

Language: Hindi
Tag: गीत
4 Likes · 2 Comments · 752 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all

You may also like these posts

"अपनापन"
Dr. Kishan tandon kranti
।।मैं घड़ी हूं।।
।।मैं घड़ी हूं।।
भगवती पारीक 'मनु'
प्रेम के रंग कमाल
प्रेम के रंग कमाल
Mamta Singh Devaa
बाज़ीगर
बाज़ीगर
Shyam Sundar Subramanian
कैसे कहें के तुझसे प्यार ही प्यार है,
कैसे कहें के तुझसे प्यार ही प्यार है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
होली, नौराते, गणगौर,
होली, नौराते, गणगौर,
*प्रणय प्रभात*
अहंकार से बँचें
अहंकार से बँचें
अवध किशोर 'अवधू'
क्या लिखूं
क्या लिखूं
MEENU SHARMA
योग दिवस
योग दिवस
Rambali Mishra
नौकरी गुलामों का पेशा है।
नौकरी गुलामों का पेशा है।
Rj Anand Prajapati
दीप में कोई ज्योति रखना
दीप में कोई ज्योति रखना
Shweta Soni
मौत
मौत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वक्त के पहरुए
वक्त के पहरुए
सोनू हंस
मेरी अम्मा
मेरी अम्मा
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
व्यवस्था
व्यवस्था
विशाल शुक्ल
*प्राकृतिक संगीत*
*प्राकृतिक संगीत*
Shashank Mishra
4335.*पूर्णिका*
4335.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*ज्ञानी (बाल कविता)*
*ज्ञानी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
डर  ....
डर ....
sushil sarna
*
*"तुम प्रीत रूप हो माँ "*
Shashi kala vyas
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-158के चयनित दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-158के चयनित दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दोहा
दोहा
Raj kumar
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Sushil Pandey
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
पूर्वार्थ
🌸प्रकृति 🌸
🌸प्रकृति 🌸
Mahima shukla
भाई दूज पर मुक्तक
भाई दूज पर मुक्तक
Dr Archana Gupta
ਕੋਈ ਘਰ ਰੋਟੀ ਨੂੰ ਤਰਸੇ
ਕੋਈ ਘਰ ਰੋਟੀ ਨੂੰ ਤਰਸੇ
Surinder blackpen
प्रकृति
प्रकृति
Mohan Pandey
ओ मेरी सोलमेट जन्मों से - संदीप ठाकुर
ओ मेरी सोलमेट जन्मों से - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
मैं मजदूर हूँ
मैं मजदूर हूँ
Arun Prasad
Loading...