Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Oct 2023 · 1 min read

ज़िन्दगी तुझ पर लिखे हैं गीत हमने

ज़िन्दगी तुझ पर लिखे हैं गीत हमने
की सदा तुझसे यहाँ पर प्रीत हमने

ये धरा सूरज गगन ये चाँद तारे
लहलहाते पेड़ पंछी फूल प्यारे
ये नदी पर्वत घने वन और उपवन
दे दिये तूने हमें सुंदर नज़ारे
सीख इनसे ले निभाई रीत हमने
ज़िन्दगी तुझ पर लिखे हैं गीत हमने

ज़िन्दगी तुझसे जुड़ा साँसों का नाता
तुझमें ही आता नज़र हमको विधाता
ज़िन्दगी तू है बहुत ही खूबसूरत
छोड़ना तुझको नहीं बिल्कुल सुहाता
बाजियां हारी या ली हों जीत हमने
ज़िन्दगी तुझ पर लिखे हैं गीत हमने

प्यार की जब बाँसुरी दिल में बजाई
नींद रातों की हमारी सब उड़ाई
फिर दिखाये ख्वाब भी दिन में सुनहरे
और आँखों में अलग दुनिया बसाई
धड़कनों का सुन मधुर संगीत हमने
ज़िन्दगी तुझ पर लिखे हैं गीत हमने

मानते हैं पल बुरे रोकर जिये हैं
काम पर तूने दिये वो सब किये हैं
है नहीं आसान कोई सी डगर भी
घूंट कड़वाहट भरे हमने पिये हैं
तो खुशी का भी चखा नवनीत हमने
ज़िन्दगी तुझ पर लिखे हैं गीत हमने

डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

Language: Hindi
1 Like · 231 Views
Books from Dr Archana Gupta
View all

You may also like these posts

- जनता है त्रस्त नेता है मस्त -
- जनता है त्रस्त नेता है मस्त -
bharat gehlot
कुर्बानी!
कुर्बानी!
Prabhudayal Raniwal
"बेताब"
Dr. Kishan tandon kranti
*जनसमूह के मध्य साक्षात्कार-शैली की सफल प्रस्तुति के जन्मदात
*जनसमूह के मध्य साक्षात्कार-शैली की सफल प्रस्तुति के जन्मदात
Ravi Prakash
🙅 *खरी-खरी* -
🙅 *खरी-खरी* -
*प्रणय*
प्रेम
प्रेम
Saraswati Bajpai
सुन लो प्रिय अब किसी से प्यार न होगा।/लवकुश यादव
सुन लो प्रिय अब किसी से प्यार न होगा।/लवकुश यादव "अजल"
लवकुश यादव "अज़ल"
काँच और पत्थर
काँच और पत्थर
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
खोज सत्य की जारी है
खोज सत्य की जारी है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
यशोधरा के प्रश्न गौतम बुद्ध से
यशोधरा के प्रश्न गौतम बुद्ध से
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
कुलदीप बनो तुम
कुलदीप बनो तुम
Anamika Tiwari 'annpurna '
* क्यों इस कदर बदल गया सब कुछ*
* क्यों इस कदर बदल गया सब कुछ*
Vaishaligoel
Growth requires vulnerability.
Growth requires vulnerability.
पूर्वार्थ
दहेज
दहेज
Arun Prasad
जीवन के किसी भी मोड़ पर
जीवन के किसी भी मोड़ पर
Dr fauzia Naseem shad
* जिन्दगी में *
* जिन्दगी में *
surenderpal vaidya
दिल लगाया है जहाॅं दिमाग न लगाया कर
दिल लगाया है जहाॅं दिमाग न लगाया कर
Manoj Mahato
अच्छे दोस्त भी अब आंखों में खटकने लगे हैं,
अच्छे दोस्त भी अब आंखों में खटकने लगे हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल–मेरा घराना ढूंढता है
ग़ज़ल–मेरा घराना ढूंढता है
पुष्पेन्द्र पांचाल
बरसात आने से पहले
बरसात आने से पहले
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
3907.💐 *पूर्णिका* 💐
3907.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
समर्पण*
समर्पण*
Jyoti Roshni
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
फूल बेजुबान नहीं होते
फूल बेजुबान नहीं होते
VINOD CHAUHAN
नयी कोई बात कहनी है नया कोई रंग भरना है !
नयी कोई बात कहनी है नया कोई रंग भरना है !
DrLakshman Jha Parimal
Cherishing my land
Cherishing my land
Ankita Patel
ऐसे इंसानों के जीवन की शाम नहीं होती “
ऐसे इंसानों के जीवन की शाम नहीं होती “
Indu Nandal
मुस्कुराहट
मुस्कुराहट
Santosh Shrivastava
जब कभी परछाई का कद
जब कभी परछाई का कद
Manoj Shrivastava
दिन गुनगुनाए जब, तो रात झिलमिलाए।
दिन गुनगुनाए जब, तो रात झिलमिलाए।
manjula chauhan
Loading...