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13 Aug 2021 · 1 min read

वो मिला मुझको

वो मिला मुझको बेवफ़ा की तरह
मैंने चाहा जिसे ख़ुदा की तरह

याद ऐसे किसी की आई है
जैसे आये कोई सबा की तरह

देखता हूँ तो बहक जाता हूँ
उसकी आँखों में है नशा की तरह

है दहकने लगी ज़मीं मन की
काश छा जाए वो घटा की तरह

दिल से कोई ‘असीम’ गुज़रा है
चन्द लम्हों में दिलरुबा की तरह
©️ शैलेन्द्र ‘असीम’

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