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30 Jul 2021 · 1 min read

स्वप्न-साकार

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गांधी की
सत्य व अहिंसा की ज्योत
प्रज्ज्वलित करना हैं आज हमें।
देश में छाया हैं घोर अन्धेरा,
उसे दूर करना हैं आज हमें।।
बापू की
राम-राज की कल्पना
साकार करना हैं आज हमें।
सम्पूर्ण मानवता,
विश्व राष्ट्र की रक्षा
करनी हैं आज हमें।।
इस सुन्दरता की धरोहर को
नष्ट करने तुले हैं जो,
इस जगती के मनुज को
अन्त करने तुले हैं जो,
उनकी हर कोशिश को
नाकाम करना हैं आज हमें।
ऐसा सशक्त
संगठन बनाना हैं आज हमें।।
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रचयिता: प्रभुदयाल रानीवाल
===*उज्जैन (मध्यप्रदेश)*===
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