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25 Jul 2021 · 1 min read

दिलों की राहों से गुजरते हुए

दिलों की राहों से गुजरते हुए।
हम उनके और करीब आ गए।
हारी हुई बाज़ी अपनी ओर सरकते हुए।
जाने कब हम जीत को पा गए।
उनके दीदार को तरसते हुए।
खुद वह हमसे मिलने आ गए।
देख अपनी जमीन को खिसकते हुए।
दूसरों के दर को अपना बना गए।

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