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27 Jun 2021 · 1 min read

चंद रोज़ पहले ही उनसे मुलाक़ात हुई - मुक्तक

१.

चंद रोज़ पहले ही उनसे मुलाक़ात हुई
नज़रों से नज़रें मिलीं, पर न कोई बात हुई

कछ हमारी धड़कनें बढ़ीं , कछ उनका दिल बेकरार हुआ
तमन्ना जवां हुई , नज़रों से दिल की बात हुई

२.

वो भी करार हुए हम भी बेकरार हुए
दिल से दिल कीं राह मिली , हमारी मुलाक़ात हुई

उनको हमारी मुहब्बत पर गुमान था
न जाने दुनियां को हमारी ये मुहब्बत न रास हुई

3.

प्यार के उन लम्हों को न भूलेंगे हम
चाँद की रोशनी में मिले थे हम

बाहों मे बाहें , लबों पर लब थे
उन एहसासों को यूं न भूलेंगे हम

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