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29 May 2021 · 1 min read

हम एसजेवीएन कहलाते है

भारत की धरती पर
हिमाचल की माटी में
बचपन पला है हमारा
सतलुज की घाटी में
आज नाम है हमारा
देश ही नहीं विदेश में
हम अंधेरों को भगाते है
हम एसजेवीएन कहलाते है।।

नदियों के पानी से
बिजली हम बनाते है
तेज़ हवा के झौंकों से
बिजली हम बनाते है
सूरज की किरणों से भी
बिजली हम बनाते है
हम अंधेरों को भगाते है
हम एसजेवीएन कहलाते है।।

हम घरों को ही नहीं
जीवन भी रोशन करते है
शिक्षा और स्वास्थ्य को
घर घर हम पहुंचाते है
विदेशों में परचम देश का फहराते है
नित नए कीर्तिमान भी बनाते है
हम अंधेरों को भगाते है
हम एसजेवीएन कहलाते है।।

राष्ट्र की तरक्की हो
दिन रात बिजली बनाते है
जैसे जैसे पूरे करते है
हम लक्ष्य अपने बढ़ाते है
राष्ट्र हित में 5, 25, 50
हजार के लक्ष्य हम बनाते है
हम अंधेरों को भगाते है
हम एसजेवीएन कहलाते है।।

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