गीता छंद, भोजपुरी
#विधा:- गीता छंद आधारित गीत
#विधान:- विधान – ये छंद के प्रत्येक चरण में 26 मात्रा होला; 14,12 पर यति अनिवार्य बा , आदि में सम कल होला ; अंत में 21
5,12,19,26 वीं मात्रा अनिवार्य रूप से लघु 1 रहेला l
मापनी –
2212 2212 2212 221
गागालगा गागालगा गागालगा गागाल
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अब प्रेम में पड़के रमल, मन में उठल बा आस।
हियरा जुड़ाइल नेह से, सब मिट गइल बा प्यास।
जब प्रेम सूरज बन चलल, तबही भइल ई भोर।
चहुँदिस उजाला छा गइल,
सूखल नयन के लोर।।
सजनी मिलल मन खिल गइल, मन से मिटल संत्रास।
हियरा जुड़ाइल नेह से, सब मिट गइल बा प्यास।।
हम प्यार के पतवार से, चलली करे भव पार।
तब ही जुड़ल बा जीत से, नाता मिटल बा हार।
सजनी बिना बस खिन्नता, जीवन रहे बस लाश।
हियरा जुड़ाइल नेह से, सब मिट गइल बा प्यास।।
मन मोर नाचत आज बा, हर दिन सुहावन भोर।
सजनी मिलल मुख चोख बा, सुन्दर वरन बा गोर।।
सजनी मिलल जीवन खिलल, उर से मिटल सब त्रास।
हियरा जुड़ाइल नेह से, सब मिट गइल बा प्यास।।
✍️पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’
मुसहरवा (मंशानगर) पश्चिमी चम्पारण, बिहार