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17 Apr 2021 · 1 min read

गौण के

बेहद मामूली और गौण हूँ
इल्म है मुझे की मैं कौन हूँ ।
मुझे पता है औकात मेरी
इसलिए तो रहता मौन हूँ ।
गलतफहमि आप न पालें
मैंने कब कहा,मै फिरौन हूँ ।
वक्त बहुत खुश है मुझ से
नज़रों में उसके मैं गौण हूँ ।
दहशत में हैं लिखने वाले
क्या मैं साहित्यक डौन हूँ ?
-अजय प्रसाद

1 Like · 2 Comments · 419 Views

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