Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2021 · 1 min read

विनोद सिल्ला के दोहे

विनोद सिल्ला के दोहे

सेहत सुविधा कम हुई, बढ़े बहुत से रोग|
दाम दवाओं के बढ़े, तड़प रहे हैं लोग||

अस्पताल के द्वार पर, बड़ी लगी है भीड़|
रोग परीक्षण हो रहे, सबकी अपनी पीड़||

ऊंचे भवन बना लिए, पैसा किया निवेश|
दूर हुआ जब प्रकृति से, पनपे सभी कलेश||

खान-पान भी बदल गए, फास्ट-फूड परवान|
रोगों की भरमार को, झेल रहा इंसान||

करे दोहन कुदरत का, प्रबल स्वार्थ का भाव|
रोगी कंचन देह हुई, डगमग डोले नाव||

मानव शरीर भेंट है, कुदरत की अनमोल|
रख इसको संभाल के, मिले ना किसी मोल||

“सिल्ला” शरीर साध बन, अपना दीपक आप|
अपने ज्ञान उजास से, सारे तम को ढाप||

-विनोद सिल्ला

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 405 Views

You may also like these posts

डॉ. राकेशगुप्त की साधारणीकरण सम्बन्धी मान्यताओं के आलोक में आत्मीयकरण
डॉ. राकेशगुप्त की साधारणीकरण सम्बन्धी मान्यताओं के आलोक में आत्मीयकरण
कवि रमेशराज
लावनी
लावनी
Dr. Kishan tandon kranti
Movers and Packers in Bhiwani
Movers and Packers in Bhiwani
Hariompackersandmovers
हार हमने नहीं मानी है
हार हमने नहीं मानी है
संजय कुमार संजू
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
✍️ रागी के दोहे ✍️
✍️ रागी के दोहे ✍️
राधेश्याम "रागी"
सीख (नील पदम् के दोहे)
सीख (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
खवाब है तेरे तु उनको सजालें
खवाब है तेरे तु उनको सजालें
Swami Ganganiya
भाई बहिन के त्यौहार का प्रतीक है भाईदूज
भाई बहिन के त्यौहार का प्रतीक है भाईदूज
gurudeenverma198
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
तेज दिल धड़का दिया तूने,
तेज दिल धड़का दिया तूने,
Ajit Kumar "Karn"
*मौका जिस क्षण भी मिले, भर लो विहग उड़ान (कुंडलिया)*
*मौका जिस क्षण भी मिले, भर लो विहग उड़ान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मुरझाए चेहरे फिर खिलेंगे, तू वक्त तो दे उसे
मुरझाए चेहरे फिर खिलेंगे, तू वक्त तो दे उसे
Chandra Kanta Shaw
कमियों पर
कमियों पर
रेवा राम बांधे
प्रकृति - विकास (कविता) 11.06 .19 kaweeshwar
प्रकृति - विकास (कविता) 11.06 .19 kaweeshwar
jayanth kaweeshwar
एहसास ए तपिश क्या होती है
एहसास ए तपिश क्या होती है
Shweta Soni
फिर किस मोड़ पे मिलेंगे बिछड़कर हम दोनों,
फिर किस मोड़ पे मिलेंगे बिछड़कर हम दोनों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दो घड़ी अयन फिर बच्चा हो गया
दो घड़ी अयन फिर बच्चा हो गया
Mahesh Tiwari 'Ayan'
जन्मों का नाता
जन्मों का नाता
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
2658.*पूर्णिका*
2658.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुक्ममल हो नहीं पाईं
मुक्ममल हो नहीं पाईं
Dr fauzia Naseem shad
मैं अलग हूँ
मैं अलग हूँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
Đồng phục khách sạn tại Hải Phòng tự hào là nhà cung cấp hàn
Đồng phục khách sạn tại Hải Phòng tự hào là nhà cung cấp hàn
dongphucuytin
ग़ज़ल _ थी पुरानी सी जो मटकी ,वो न फूटी होती ,
ग़ज़ल _ थी पुरानी सी जो मटकी ,वो न फूटी होती ,
Neelofar Khan
मंजिल का अवसान नहीं
मंजिल का अवसान नहीं
AJAY AMITABH SUMAN
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कभी-कभी आप अपने जीवन से असंतुष्ट होते हैं, जबकि इस दुनिया मे
कभी-कभी आप अपने जीवन से असंतुष्ट होते हैं, जबकि इस दुनिया मे
पूर्वार्थ
जीवन है रंगमंच कलाकार हम सभी
जीवन है रंगमंच कलाकार हम सभी
Dr Archana Gupta
भक्ति रस की हाला का पान कराने वाली कृति मधुशाला हाला प्याला।
भक्ति रस की हाला का पान कराने वाली कृति मधुशाला हाला प्याला।
श्रीकृष्ण शुक्ल
श्रमिक
श्रमिक
Neelam Sharma
Loading...