दीपक *दीपावली के सुअवसर पर रचना*
दीपोत्सव २०२०
सम्मानीय मंच को सादर निवेदित
दीपावली की की कोटि-कोटि शुभकामनाएं।
जग का अंधियारा हरे,जगमग कर दे रात।
रात अंधेरी भी लगे, जैसे शुभ्र प्रभात।।
छोटा बेशक है मगर,मन में दृढ विश्वास।
तोड़ गहन तिमिरावली, अनुपम करे उजास।।
आंधी से अविरल लड़े,डटकर करे उजास।
एक अकेला दे सदा,सूरज का आभास।।
जिस घर दीपक है जला,लक्ष्मी करती वास।
दुख दरिद्र घर से मिटे, मुझको है विश्वास।
दीपक एक जलाइए, उनके भी अब नाम।
जो सीमा पर हैं खड़े,त्याग स्वयं आराम।।
✍️ अटल मुरादाबादी ?