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5 Mar 2021 · 1 min read

मुलाकात

पुरानी यादें फिर ताज़ा हो गई
जो आज वो अरसे बाद मिले
दिल के किसी कोने में थे जो
मेरे अरमान मुरझाए पड़े
देखकर उन्हें सामने फिर से
वो अरमान भी खिलने लगे।।

वही खुशबू हवाओं में महक रही थी
जिससे उसे पहचान लेते थे हम।
कहीं दिल में छिपी एक उदासी थी
मिट गए उन्हें देखकर सारे ग़म।।

आज भी अपने रिश्ते को
सच्चा प्यार कह रहे थे वो।
सच्चे रिश्तों में नहीं पड़ती गांठ
आज भी ऐसा कह रहे थे वो।।

दिल की बात करने पर मुझसे
आज भी मिलता है सुकून उन्हें।
आज भी करता हूं उतना ही प्यार
दिल करता है क्यों ना कह दूं उन्हें।।

फिर क्यों छोड़ गए थे हमें
इस सवाल का उनके पास जवाब नहीं।
सच्चा प्यार कभी मरता नहीं
ये हकीकत है कोई ख्वाब नहीं।।

ज़्यादा पूछने पर हंसते हंसते
वो मेरे प्यार के पागलपन को ही
मुझे छोड़ने की वजह बता गए।
बड़ा बदनसीब और अभागा हूं मैं
सुना था लोग नफरत से डरते है
लेकिन वो मेरे प्यार से ही डर गए।।

मुलाकात वो छोटी थी मगर
दिल में फिर से आग लगा गई।
खत्म हो गई थी जो कहानी
उसमे फिर से जान आ गई।।

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