बेटियां स्कूल जा रहीं हैं
आज देखा मैंने
अपने घर की दहलीज से
बेटियों के समवेत लघु समूह
भिन्न , तय परिधानों में
प्रसन्नमना हो
बतियाते कलरव करते जाते हुए ।
और अनुभव की
उनकी आंखों से
छलकती खुशियां
बेटियां कितनी प्यारी लगती हैं
उल्लास से भरी
भविष्य संवारने की चाह लिए
विद्यालय की ओर
जाती हुई ।
वासंती हवाएं गुनगुनाती हुई
बता रही हैं
बेटियां फिर
विद्यालय जा रहीं हैं ।
अशोक सोनी
भिलाई ।