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10 Feb 2021 · 1 min read

प्रेम की परिभाषा

प्रेम की है अद्भुत परिभाषा
जितने रिश्ते उतनी आशा
प्रियतमा जब प्यार करती है
बंद आंखों में आह भरती है
मित्र का प्रेम अलग दिखता है
खुली आंख स्नेह लिखता है
पत्नी की तो प्रीत निराली
आंख दिखा करती रखवाली
मां का प्रेम अनुपम उपहार
बंद आंखों तक करती प्यार
पिता प्रेम दिल में ही धरता
कभी आंख से व्यक्त न करता

अशोक सोनी
भिलाई ।

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 532 Views

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