Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
31 Jan 2021 · 1 min read

आईना

आईना
****************
आईना पूछता है,
हो क्यूँ आज नजरें झुकाये!

हो नाराज खुद से या,
दिल किसी और का तोड़ आए !

चुप रहोगे भी तो कह देंगी ,
राजे दिल तुम्हारी आंखें !

धड़कनों से भी कह दो ,
यूँ तेज हो के ना शोर मचाये !

है हमसे ये पर्दा किस बात का ,
मैं हूँ आईना तुम्हारा
तेरा ही अक्स मुझमे नजर आये !!

पल्लवी रानी❤
मौलिक स्वरचित
कल्याण (महाराष्ट्र)

Loading...