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8 May 2024 · 1 min read

अपना उल्लू सीधा करना

खाना पीना और खिलाना
यही चलन ही यही जमाना
भोलेपन का लाभ उठाना
बल के आगे दुम हिलाना
उसको भावे वही दिखाना
चाहे उसका पानी भरना
जैसे भी हो कैसे भी हो
अपना उल्लू सीधा करना।

चला गया अब वह जमाना
जहाँ हृदय में प्रेम भरा था।
परोपकार के भाव जहां थे
और मदद का हाथ बढ़ाना
आज कहां का रिश्ता नाता
मनुष्यता अभी कहां रही है
इसी चाहत में लगे हुए हैं
अपना उल्लू सीधा करना।

-विष्णु प्रसाद ‘पाँचोटिया’

Language: Hindi
1 Like · 141 Views
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