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7 May 2024 · 1 min read

होके रुकसत

होके रुकसत कहा जाओगे
जहा भी जाओगे वहा की यादों में हमे ही पाओगे
हर गली हर चौराहे पर हम दोनो ने यादों के बीज बोए है
इतनी आसानी से भुलाए नहीं जाएंगे
किसी और की बाहों में चले तो जाओगे लेकिन हमारी ओ खुसबू कहा से लाओगे
तुम्हारी धड़कन तक में है हम समाए
इतनी आसानी से हम भुलाए नहीं जाएंगे।

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