Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2021 · 1 min read

घाव

इस जीवन के राह में,मिला हमें जो
घाव।
कविता बन उगने लगे,मेरे सारे भाव।।

वक्त हमें देता रहा, तरह-तरह के घाव।
धीरे-धीरे कुछ भरे, कुछ का रहा प्रभाव।।

चुभे तीर जब शब्द का, करे हृदय में घाव।
जीवन भर भरता नहीं, इतना तीव्र प्रभाव।।

हमको अपनों ने दिया, सबसे गहरा घाव।
फिर उस पर मरहम लगा,किया नमक छिड़काव।।

हद से ज्यादा दो नहीं, कभी किसी को भाव।
वरना पाओगे वहाँ, सबसे गहरे घाव।।

जीवन में सबसे अधिक,जो देता है घाव।
सत्य वचन है मानिये,उसका नाम लगाव ।।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

Language: Hindi
1 Like · 290 Views
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

"अपनी माँ की कोख"
Dr. Kishan tandon kranti
खुल जाता है सुबह उठते ही इसका पिटारा...
खुल जाता है सुबह उठते ही इसका पिटारा...
shabina. Naaz
वक्त के संग हो बदलाव जरूरी तो नहीं।
वक्त के संग हो बदलाव जरूरी तो नहीं।
Kumar Kalhans
2524.पूर्णिका
2524.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मंज़र
मंज़र
अखिलेश 'अखिल'
सुखराम दास जी के दोहे
सुखराम दास जी के दोहे
रेवन्त राम सुथार
“मैं ठहरा हिन्दी माध्यम सा सरल ,
“मैं ठहरा हिन्दी माध्यम सा सरल ,
Neeraj kumar Soni
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
गीता हो या मानस
गीता हो या मानस
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
बच्चे (कुंडलिया )
बच्चे (कुंडलिया )
Ravi Prakash
सवैया
सवैया
Rambali Mishra
..
..
*प्रणय*
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
जीवन चक्र
जीवन चक्र
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
*बसंत*
*बसंत*
Shashank Mishra
BK8
BK8
BK8
जिंदगी हमें किस्तो में तोड़ कर खुद की तौहीन कर रही है
जिंदगी हमें किस्तो में तोड़ कर खुद की तौहीन कर रही है
शिव प्रताप लोधी
शिक्षा का महत्व
शिक्षा का महत्व
Dr. P.C. Bisen
एक रुबाई...
एक रुबाई...
आर.एस. 'प्रीतम'
कौन है वो .....
कौन है वो .....
sushil sarna
गांधीजी का भारत
गांधीजी का भारत
विजय कुमार अग्रवाल
कविता
कविता
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
तेरी याद..
तेरी याद..
हिमांशु Kulshrestha
सोने के सुन्दर आभूषण
सोने के सुन्दर आभूषण
surenderpal vaidya
ऐ जिंदगी
ऐ जिंदगी
अनिल "आदर्श"
यादों की याद रखना
यादों की याद रखना
Dr. Rajeev Jain
तन्हाई
तन्हाई
ओसमणी साहू 'ओश'
आज तक इस धरती पर ऐसा कोई आदमी नहीं हुआ , जिसकी उसके समकालीन
आज तक इस धरती पर ऐसा कोई आदमी नहीं हुआ , जिसकी उसके समकालीन
Raju Gajbhiye
देन वाले
देन वाले
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
“चिकनी -चुपड़ी बातें”
“चिकनी -चुपड़ी बातें”
DrLakshman Jha Parimal
Loading...