Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Sep 2024 · 1 min read

“मैं ठहरा हिन्दी माध्यम सा सरल ,

“मैं ठहरा हिन्दी माध्यम सा सरल ,
जग की गणित , परे है मेरे ,
मैं बहता कविता की भावनाओं सा सरल,
जग के गुणा भाग , परे है मेरे l”
नीरज कुमार सोनी
“जय श्री महाकाल”

2 Likes · 466 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Neeraj kumar Soni
View all

You may also like these posts

आ रही हो न (बारहमासा)
आ रही हो न (बारहमासा)
सोनू हंस
हम सब कहीं न कहीं से गुज़र रहे हैं—कभी किसी रेलवे स्टेशन से,
हम सब कहीं न कहीं से गुज़र रहे हैं—कभी किसी रेलवे स्टेशन से,
पूर्वार्थ देव
कुंडलियां
कुंडलियां
seema sharma
ठाट-बाट
ठाट-बाट
surenderpal vaidya
दिल के पहरेदार
दिल के पहरेदार
C S Santoshi
अस्त-व्यस्त सी सलवटें, बिखरे-बिखरे बाल।
अस्त-व्यस्त सी सलवटें, बिखरे-बिखरे बाल।
sushil sarna
बह्र .... 122 122 122 122
बह्र .... 122 122 122 122
Neelofar Khan
बिहार-झारखंड के दलित साहित्य का समकालीन परिदृश्य | डॉ. मुसाफ़िर बैठा
बिहार-झारखंड के दलित साहित्य का समकालीन परिदृश्य | डॉ. मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक
Rj Anand Prajapati
मन की बुलंद
मन की बुलंद
Anamika Tiwari 'annpurna '
जनता हमको दीजिए,अपना हर इक वोट
जनता हमको दीजिए,अपना हर इक वोट
Dr Archana Gupta
आकाश
आकाश
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
6) “जय श्री राम”
6) “जय श्री राम”
Sapna Arora
*
*"परछाई"*
Shashi kala vyas
रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
Lakhan Yadav
संपूर्णता किसी के मृत होने का प्रमाण है,
संपूर्णता किसी के मृत होने का प्रमाण है,
Pramila sultan
परिवार का एक मेंबर कांग्रेस में रहता है
परिवार का एक मेंबर कांग्रेस में रहता है
शेखर सिंह
हिंदी दोहे - हर्ष
हिंदी दोहे - हर्ष
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
संकल्प
संकल्प
Vedha Singh
नारी का सम्मान नहीं तो...
नारी का सम्मान नहीं तो...
Mohan Pandey
मैं मज़दूर हूँ
मैं मज़दूर हूँ
Ahtesham Ahmad
लेखनी
लेखनी
Dr. Kishan tandon kranti
*धरते मुरली होंठ पर, रचते मधु संसार (कुंडलिया)*
*धरते मुरली होंठ पर, रचते मधु संसार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आतम अनुभव
आतम अनुभव
Nitesh Shah
ज़िंदगी की जंग जीतनी हो....
ज़िंदगी की जंग जीतनी हो....
Ajit Kumar "Karn"
गाय पर कविता
गाय पर कविता
Vijay kumar Pandey
शिक्षा होने से खुद को  स्वतंत्र और पैसा होने से खुद को
शिक्षा होने से खुद को स्वतंत्र और पैसा होने से खुद को
पूर्वार्थ
फूलों की तरह तुम बन जाओ
फूलों की तरह तुम बन जाओ
sonu rajput
पछतावे की अग्नि
पछतावे की अग्नि
Neelam Sharma
स्पर्श
स्पर्श
Satish Srijan
Loading...