Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Dec 2020 · 1 min read

जीभ पर दोहे

1
दाँत चबाते ही रहें, जीभ उड़ाये स्वाद
रहकर इनके बीच भी, रहती हरदम शाद
2
जीभ फिसल जाये नहीं, इसका रखना ध्यान
लिखे हुये इतिहास में, कितने जीभ पुरान
3
आती है अब तो हँसी, बचपन को कर याद
जीभ चिढ़ाकर कर दिए , कितने वाद-विवाद
4
जीभ बनाती है हमें, दुश्मन या फिर मीत
लेते हैं मीठे वचन, सबके दिल को जीत
5
लपलपाकर कर रही, जिव्हा जैसे योग
बेकाबू सी हो गई, ,देखे छप्पन भोग

22-12-2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

Language: Hindi
3 Likes · 6 Comments · 1164 Views
Books from Dr Archana Gupta
View all

You may also like these posts

जीवन का प्रथम प्रेम
जीवन का प्रथम प्रेम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तप रही जमीन और
तप रही जमीन और
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"समुद्र मंथन"
Dr. Kishan tandon kranti
फासलों से वो टूट जाएंगे ,
फासलों से वो टूट जाएंगे ,
Dr fauzia Naseem shad
किस्तों में सोया है हमने
किस्तों में सोया है हमने
Diwakar Mahto
*जिन्होंने बैंक से कर्जे को, लेकर फिर न लौटाया ( हिंदी गजल/
*जिन्होंने बैंक से कर्जे को, लेकर फिर न लौटाया ( हिंदी गजल/
Ravi Prakash
*Tapestry of Life*
*Tapestry of Life*
Veneeta Narula
उसे दुःख होगा
उसे दुःख होगा
Rajender Kumar Miraaj
सोचने लगता हूँ अक़्सर,
सोचने लगता हूँ अक़्सर,
*प्रणय*
आज रात कोजागरी....
आज रात कोजागरी....
डॉ.सीमा अग्रवाल
खून के छींटे है पथ्थरो में
खून के छींटे है पथ्थरो में
sushil yadav
सत्य को पहचान
सत्य को पहचान
Seema gupta,Alwar
वहाँ से पानी की एक बूँद भी न निकली,
वहाँ से पानी की एक बूँद भी न निकली,
शेखर सिंह
किस से कहें
किस से कहें
हिमांशु Kulshrestha
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कि  इतनी भीड़ है कि मैं बहुत अकेली हूं ,
कि इतनी भीड़ है कि मैं बहुत अकेली हूं ,
Mamta Rawat
4171.💐 *पूर्णिका* 💐
4171.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जब प्यार सच्चा मिलता है तो,
जब प्यार सच्चा मिलता है तो,
रुपेश कुमार
चलो चाय पर मिलते हैं
चलो चाय पर मिलते हैं
Indu Nandal
एक सड़क जो जाती है संसद
एक सड़क जो जाती है संसद
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
औरत
औरत
नूरफातिमा खातून नूरी
दुनियाँ में सबने देखा अपना महान भारत।
दुनियाँ में सबने देखा अपना महान भारत।
सत्य कुमार प्रेमी
किताबें
किताबें
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जिस यात्रा का चुनाव हमनें स्वयं किया हो,
जिस यात्रा का चुनाव हमनें स्वयं किया हो,
पूर्वार्थ
विचित्र
विचित्र
उमा झा
मैं तुम और हम
मैं तुम और हम
Ashwani Kumar Jaiswal
ग़ज़ल पढ़ते हो
ग़ज़ल पढ़ते हो
manjula chauhan
पर्यावरण संरक्षण
पर्यावरण संरक्षण
Pratibha Pandey
जाने क्यों भागती है दुनिया खूबसूरती के पीछे।
जाने क्यों भागती है दुनिया खूबसूरती के पीछे।
Annu Gurjar
Loading...