Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
18 May 2024 · 1 min read

खून के छींटे है पथ्थरो में

76..
Mutdaarik musamman mahzoz
faa’ilun faa’ilun faa’ilun fe’
212 212 212 2
##
खून के छींटे है पथ्थरो में
ढूढ़ते दाग है खंजरो में
#
मांगना खैरियत जान की तुम
जब मची लूट चारागरों में
#
कारवां रोकना पड़ गया है
कुछ थके कुछ गुमे कंजरो में
#
मूक झूठी गवाही नहीं ये
बोलते लोग हैं कटघरों में
#
खेल नेता अभी यू दिखाया
खलबली सी मची जादूगरों में
#
तुम जरा गर कहो खास बनते
हम रहे चूकते खास अवसरों में
#
सुशील यादव

Loading...