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16 Dec 2020 · 1 min read

इतना घातक सा क्यूँ है कोरोना

क्या वबा से मची तबाही है
ख़ौफ़ है और बदहवासी है

क्या ख़बर क्या ख़बर चली आए
चैन ग़ायब है बेक़रारी है

ये वबा आदमी के द्वारा क्या
एक भेजी हुई सुनामी है

इतना घातक सा क्यूँ है कोरोना
इसको क्या दी गई सुपारी है

कोई बाहर नहीं निकल सकता
शहर भर में ये की मुनादी है

चल के आया है घर वो बाहर से
दूर होने की फिर सज़ा दी है

पर्त दर पर्त ये मरज़ चढ़ता
दाँव पर जाँ लगी हमारी है

कोई हंसता नज़र नहीं आता
सबके चेहरे पे इक उदासी है

आज ‘आनन्द’ ये महामारी
सामने दिख रही क़ज़ा सी है

शब्दार्थ:- वबा=महामारी/epidemic,
क़ज़ा=मृत्यु/मौत/death

डॉ आनन्द किशोर
दिल्ली

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