Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Oct 2020 · 1 min read

सचिव न के दोहे

विषय :- पाप पुण्य
विद्या :- दोहा
=====================================
प्रश्न
【रचना】

#प्रश्न (१)पाप और पुण्य की परिणिति क्या है?

#उत्तर
पाप -पुण्य के मध्य में , भटके प्राणी नित्य।
पाप कर्म की अधोगति , सद्गति पुण्य अनित्य।।०१।।

पुण्य-कर्म सद्गति करे , करे सुजीवन शुद्ध।
पाप-कर्म की अधोगति , बतला रहे प्रबुद्ध।।०२।।

#प्रश्न(२)जब सारे कर्म अंतर्निहित ईश्वर ही कराते हैं,तो पाप और पुण्य जीव के लिये बंधनकारी क्यों होते हैं?

#उत्तर
भले कराता ईश वह , जग में सारे कर्म।
लेकिन स्वयं विवेक से , आप समझिये मर्म।।०३।।

मायामय इस जगत में , भ्रमता जीव विचित्र।
पाप-पुण्य हैं इसलिए , बंधनकारी मित्र।०४।।

#प्रश्न(३)पाप और पुण्य की परिभाषा स्थिति,स्थान और काल के सापेक्ष परिवर्तनीय है?

#उत्तर
देश-काल या परिस्थिति , पाप – पुण्य आधार।
सद्विवेक से कीजिए , अपने आप विचार।।०५।।

करो व्यर्थ हिंसा कहीं , कैसा पुण्य चरित्र।
संगर में रिपु का हनन , पाप नहीं है मित्र।।०६।।

#प्रश्न(४) क्या मनुष्यों के पाप या पुण्य करने में प्रारब्ध का भी योगदान है?

#उत्तर
पाप-पुण्य में सहज ही , होता है प्रारब्ध।
किंतु विवेकी मनुज को , पुण्य नित्य उपलब्ध।।०७।।

अविवेकी तो अष्ट-पल , करे पाप के काम।
किंतु विवेकी सहज ही , पुण्य करे अविराम।।०८।।
=====================================
मैं 【पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’】 घोषणा करता हूँ, मेरे द्वारा उपरोक्त प्रेषित रचना मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित और अप्रेषित है।
【पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’】

Language: Hindi
1 Like · 514 Views
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all

You may also like these posts

झुला झूले तीज त्योहार
झुला झूले तीज त्योहार
Savitri Dhayal
1🌹सतत - सृजन🌹
1🌹सतत - सृजन🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
3310.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3310.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
लालसा
लालसा
Durgesh Bhatt
तेरे होने का जिसमें किस्सा है
तेरे होने का जिसमें किस्सा है
shri rahi Kabeer
जिंदगी का पहिया बिल्कुल सही घूमता है
जिंदगी का पहिया बिल्कुल सही घूमता है
shabina. Naaz
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*~ हंसी ~*
*~ हंसी ~*
Priyank Upadhyay
3. Showers
3. Showers
Santosh Khanna (world record holder)
वीर सैनिक
वीर सैनिक
Kanchan Advaita
ये घड़ी की टिक-टिक को मामूली ना समझो साहब
ये घड़ी की टिक-टिक को मामूली ना समझो साहब
शेखर सिंह
In today's digital age, cybersecurity has become a critical
In today's digital age, cybersecurity has become a critical
bandi tharun
Storm
Storm
Bindesh kumar jha
उम्र चाहे जितनी हो दिलों में प्यार होना चाहिए।
उम्र चाहे जितनी हो दिलों में प्यार होना चाहिए।
लक्ष्मी सिंह
उसकी जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होती,
उसकी जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होती,
manjula chauhan
उठो भवानी
उठो भवानी
उमा झा
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
सिस्टमी चाल में चलना सीखो (एक व्यंग्य रचना))
सिस्टमी चाल में चलना सीखो (एक व्यंग्य रचना))
manorath maharaj
ऐ जिन्दगी
ऐ जिन्दगी
Minal Aggarwal
ये कहां उसके कमाने की उम्र थी
ये कहां उसके कमाने की उम्र थी
Jyoti Roshni
"पहला चुम्बन"
Dr. Kishan tandon kranti
मनमुटावका आपका ये कैसा अंदाज
मनमुटावका आपका ये कैसा अंदाज
RAMESH SHARMA
सुधारौगे किसी को क्या, स्वयं अपने सुधर जाओ !
सुधारौगे किसी को क्या, स्वयं अपने सुधर जाओ !
DrLakshman Jha Parimal
मेहनती को, नाराज नही होने दूंगा।
मेहनती को, नाराज नही होने दूंगा।
पंकज कुमार कर्ण
कवर नयी है किताब वही पुराना है।
कवर नयी है किताब वही पुराना है।
Manoj Mahato
■ आज का चिंतन
■ आज का चिंतन
*प्रणय*
यही है मेरा संसार
यही है मेरा संसार
gurudeenverma198
Chahat
Chahat
anurag Azamgarh
परिस्थिति और हम
परिस्थिति और हम
Dr. Rajeev Jain
ये दिल यादों का दलदल है
ये दिल यादों का दलदल है
Atul "Krishn"
Loading...