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24 Sep 2020 · 1 min read

ये बेचारी ग़म दुनियाँ

दुनियाँ चेलैंज देती है हमको और हम दुनियाँ
जाने ना अब हमें, तो है ये बेचारी ग़म दुनियाँ
दुनियाँ निकालेगी चाहेगी गिन- गिन कमियाँ
मिल भी जाये तो क्या है समाजों की दुनियाँ।।
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
2 Comments · 414 Views
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