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12 Sep 2020 · 1 min read

हर हाल में रहना सीखो मन

हर हाल में रहना सीखो मन, कब सदा बहारें रहती हैं
सर्दी गर्मी बर्षा ऋतुऐं, क्रम से आती रहतीं हैं
सुख-दुख और शांति अशांति, जीवन में आती जाती हैं
कब विपरीत समय आ जाए, नहीं यह जानी जाती हैं
बचपन यौवन और बुढ़ापा, समय से निश्चित आएगा
अपने अपने सुख-दुख भैया, साथ समय के लाएगा
इसलिए चल सीख ले मन, साथ समय के रहने की
इच्छा मत रखना जीवन में, हर समय मस्त बहारों की
कई आए और कई गए, सबका अनुभव यह कहता है
जीवन भी है मौसम चक्र की भांति, हर समय बदलते रहता है
हर हाल में रहना सीखो मन, कब सदाबहारें रहती हैं

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
11 Likes · 16 Comments · 360 Views
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