Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Sep 2020 · 1 min read

दहेज उत्पीड़न

शादी – विवाह दो आत्माओं का मेल नहीं
गुड्डे – गुड़ियों का खेल है।

रूप और गुण का मेल नहीं
ये सब दहेज का झमेल है।

ये सब रीति – रिवाजों और खुशियों का सुरूर नहीं,
कुछ लोगों को पैसे का गुरुर है।

पढ़े लिखे लोग कहते कि मुझे इससे परहेज है
न जाने फिर क्यों लेते और देते दहेज हैं

जाने किसने और कब ये बेतुके रस्म बनाएं हैं
इस दहेज के चक्कर में कितनी लड़कियों ने जान गवाएं हैं

जो माँ – बाप समय पर दहेज नहीं दे पाते
उनकी बेटियों को ये लालची समाज जिंदा जलाते

पण्डित कितने तंत्र-मंत्र शादी में पड़ जाते हैं
फिर कुछ बहन शादी से खुश नहीं रह पाती है

दहेज के फेर में बाप तो छोड़ो,
साहब भी बैठे बिक जाते हैं
कारण दहेज के वे ठीक से खा भी नहीं पाते हैं

दहेज प्रथा अनपढ़ लोग नहीं
पढ़े लिखे लोग बढ़ाते हैं।
इंजीनियर हो तो 5,डॉक्टर हो 10 लाख तक ले जाते हैं।
शादी – विवाह दो आत्माओं का मेल नहीं
गुड्डे – गुड़ियों का खेल है।

रूप और गुण का मेल नहीं
ये सब दहेज का झमेल है।

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 311 Views

You may also like these posts

*ऋषि अगस्त्य ने राह सुझाई (कुछ चौपाइयॉं)*
*ऋषि अगस्त्य ने राह सुझाई (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
मैंने सीखा है कि यदि आपको उस जगह को छोड़ना पड़े जहाँ आपने जी
मैंने सीखा है कि यदि आपको उस जगह को छोड़ना पड़े जहाँ आपने जी
पूर्वार्थ
शांत सा जीवन
शांत सा जीवन
Dr fauzia Naseem shad
जो ये समझते हैं कि, बेटियां बोझ है कन्धे का
जो ये समझते हैं कि, बेटियां बोझ है कन्धे का
Sandeep Kumar
आजाद हिंदुस्तान में
आजाद हिंदुस्तान में
gurudeenverma198
मधुमास में बृंदावन
मधुमास में बृंदावन
Anamika Tiwari 'annpurna '
आज़ तेरा है कल मेरा हो जायेगा
आज़ तेरा है कल मेरा हो जायेगा
Keshav kishor Kumar
स्त्री संयम में तब ही रहेगी जब पुरुष के भीतर शक्ति हो
स्त्री संयम में तब ही रहेगी जब पुरुष के भीतर शक्ति हो
राज वीर शर्मा
#खोटे सिक्के
#खोटे सिक्के
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
मोक्ष
मोक्ष
Pratibha Pandey
आनंद से जियो और आनंद से जीने दो.
आनंद से जियो और आनंद से जीने दो.
Piyush Goel
"बगैर"
Dr. Kishan tandon kranti
■ ऋणम कृत्वा घृतं पिवेत।।
■ ऋणम कृत्वा घृतं पिवेत।।
*प्रणय*
कृष्ण कुमार अनंत
कृष्ण कुमार अनंत
Krishna Kumar ANANT
।। सुविचार ।।
।। सुविचार ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
बचा लो तिरंगा
बचा लो तिरंगा
Dr.Pratibha Prakash
यादों को दिल से मिटाने लगा है वो आजकल
यादों को दिल से मिटाने लगा है वो आजकल
कृष्णकांत गुर्जर
Maybe this is me right now
Maybe this is me right now
Chaahat
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
Vindhya Prakash Mishra
आख़िरी ख़्वाहिश
आख़िरी ख़्वाहिश
Dipak Kumar "Girja"
मानवता
मानवता
Poonam Sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रदीप माहिर
सत्यम शिवम सुंदरम
सत्यम शिवम सुंदरम
Madhu Shah
राखी पावन त्यौहार
राखी पावन त्यौहार
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
3563.💐 *पूर्णिका* 💐
3563.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
साथी तेरे साथ
साथी तेरे साथ
Kanchan verma
अर्धांगिनी सु-धर्मपत्नी ।
अर्धांगिनी सु-धर्मपत्नी ।
Neelam Sharma
बेटिया विदा हो जाती है खेल कूदकर उसी आंगन में और बहू आते ही
बेटिया विदा हो जाती है खेल कूदकर उसी आंगन में और बहू आते ही
Ranjeet kumar patre
कमबख्त मोहब्बत..
कमबख्त मोहब्बत..
हिमांशु Kulshrestha
Loading...