2020
2020
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साल 2020 भी
हर साल की तरह ही आया,
पर होली आते आते
इसने भांँग का जैसे गोला खाया
अपना असली रंग दिखाया
सारी दुनियां को
अपनी उँगलियों पर है नचाया
लोगों को कष्टों से खूब रूलाया
अभी भी जाने का नाम नहीं लेता
मानव ने पैसा देकर जैसे
अपने घर बुलाया।
✍सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा, उ.प्र.