Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Aug 2020 · 1 min read

ईरादे

हो जाते दफ़न, हम
नफ़रत,
इतनी तो की होती
होते ईरादे साफ तो
मुहब्बत,
बदनाम नहीं होती

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 302 Views

You may also like these posts

है अभी भी वक़्त प्यारे, मैं भी सोचूंँ तू भी सोच
है अभी भी वक़्त प्यारे, मैं भी सोचूंँ तू भी सोच
Sarfaraz Ahmed Aasee
```
```
goutam shaw
आत्महत्या
आत्महत्या
Harminder Kaur
अम्माँ मेरी संसृति - क्षितिज हमारे बाबूजी
अम्माँ मेरी संसृति - क्षितिज हमारे बाबूजी
Atul "Krishn"
मुलाकात अब कहाँ
मुलाकात अब कहाँ
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
तुम आये तो हमें इल्म रोशनी का हुआ
तुम आये तो हमें इल्म रोशनी का हुआ
sushil sarna
भुला बैठे हैं अब ,तक़दीर  के ज़ालिम थपेड़ों को,
भुला बैठे हैं अब ,तक़दीर के ज़ालिम थपेड़ों को,
Neelofar Khan
अच्छा सोचना बेहतरीन सोचना और सबसे बेहतरीन करना |
अच्छा सोचना बेहतरीन सोचना और सबसे बेहतरीन करना |
Shivam Rajput
आइसक्रीम के बहाने
आइसक्रीम के बहाने
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मैं गलत नहीं हूँ
मैं गलत नहीं हूँ
Dr. Man Mohan Krishna
त्यागो अहं को आनंद मिलेगा, दिव्य ज्ञान का दीप जलेगा,
त्यागो अहं को आनंद मिलेगा, दिव्य ज्ञान का दीप जलेगा,
Acharya Shilak Ram
राम वन गमन हो गया
राम वन गमन हो गया
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
हमें जीवन में अपने अनुभव से जानना होगा, हमारे जीवन का अनुभव
हमें जीवन में अपने अनुभव से जानना होगा, हमारे जीवन का अनुभव
Ravikesh Jha
*धनुष (बाल कविता)*
*धनुष (बाल कविता)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
"पता"
Dr. Kishan tandon kranti
एक झलक
एक झलक
Dr. Upasana Pandey
मैंने रात को जागकर देखा है
मैंने रात को जागकर देखा है
शेखर सिंह
पुछ रहा भीतर का अंतर्द्वंद
पुछ रहा भीतर का अंतर्द्वंद
©️ दामिनी नारायण सिंह
तुम आ न सके
तुम आ न सके
Ghanshyam Poddar
- रातो की खामोशी -
- रातो की खामोशी -
bharat gehlot
* खूबसूरत इस धरा को *
* खूबसूरत इस धरा को *
surenderpal vaidya
कुंडलियां
कुंडलियां
seema sharma
बच्चे ही मां बाप की दुनियां होते हैं।
बच्चे ही मां बाप की दुनियां होते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
पेड़ चुपचाप आँसू बहाते रहे
पेड़ चुपचाप आँसू बहाते रहे
Dr Archana Gupta
*झूठा ही सही...*
*झूठा ही सही...*
नेताम आर सी
कभी फुरसत मिले तो पिण्डवाड़ा तुम आवो
कभी फुरसत मिले तो पिण्डवाड़ा तुम आवो
gurudeenverma198
रहता  है  जिसका  जैसा  व्यवहार,
रहता है जिसका जैसा व्यवहार,
Ajit Kumar "Karn"
गाँव में फिर
गाँव में फिर
Arun Prasad
मै हारा नही हूं
मै हारा नही हूं
अनिल "आदर्श"
Loading...