Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Er. Shailja Tiwari
12 Followers
Follow
Report this post
22 Aug 2020 · 1 min read
कलम️️
ये कलम भी कमबख़्त बहुत दिलजली है
जब जब दर्द हुआ मुझें ये खूब चली हैं। ??
Language:
Hindi
Tag:
शेर
Like
Share
9 Likes
·
1 Comment
· 337 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
रुखसत (ग़ज़ल)
ओनिका सेतिया 'अनु '
*दुख का दरिया भी पार न होता*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
समय की धार !
सोबन सिंह रावत
****शिव शंकर****
Kavita Chouhan
सितामढी़
श्रीहर्ष आचार्य
छुप छुपकर मोहब्बत का इज़हार करते हैं,
Phool gufran
...
*प्रणय*
* तुगलकी फरमान*
Dushyant Kumar
Oh, what to do?
Natasha Stephen
तिरस्कार में पुरस्कार
तारकेश्वर प्रसाद तरुण
बहारें तो आज भी आती हैं
Ritu Asooja
कुछ बेशकीमती छूट गया हैं तुम्हारा, वो तुम्हें लौटाना चाहता हूँ !
The_dk_poetry
Your Ultimate Guide to Excelling in Finance Assignments
Angelika Wartina
राम की मंत्री परिषद
Shashi Mahajan
लाख बुरा सही मगर कुछ तो अच्छा हैं ।
Ashwini sharma
सतनामी राजा
Santosh kumar Miri
मेरे जीने की एक वजह
Dr fauzia Naseem shad
मैं, तुम..
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
कान्हा तेरे रूप
Rekha khichi
3569.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
युवक की जिंदगी
पूर्वार्थ
उपेक्षित फूल
SATPAL CHAUHAN
चरणों में सौ-सौ अभिनंदन ,शिक्षक तुम्हें प्रणाम है (गीत)
Ravi Prakash
प्यारा बसन्त
Anil Kumar Mishra
बबूल
डॉ. शिव लहरी
दू गो देश भक्ति मुक्तक
आकाश महेशपुरी
तारीख देखा तो ये साल भी खत्म होने जा रहा। कुछ समय बैठा और गय
Ritesh Deo
इंसानियत
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"अजीब दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
(1ग़ज़ल) बंजर पड़ी हैं धरती देखें सभी नदी को
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
Loading...