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21 Aug 2020 · 1 min read

यह कैसे सम्भव होगा…

दु:ख देकर सुख पा जाओगे
यह कैसे सम्भव होगा।
आम खाओगे बबूल बोके
यह कैसे संभव होगा।।

कर्म-कर्म का मर्म समझ लो
अन्तर समझो भले बुरे का,
अपमानित कर यश पाओगे
यह कैसे संभव होगा।।

आशिष मिलता सत्कर्मों से
बुरे कर्म से शाप ताप है,
दर्द वेदना व्यर्थ जायेगी
यह कैसे संभव होगा।।

मेहनत का फल मीठा होता
आलस शत्रु सर्व-विदित है,
बिनु प्रयास मोती पाओगे
यह कैसे संभव होगा।।

यह दुनिया निश्चित ही सुन्दर
जिनमें सुन्दर भाव निहित हैं,
सुयश पराई निन्दा करके
यह कैसे संभव होगा।।

?

डा. यशवन्त सिंह राठौड़

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 384 Views

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