Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2020 · 1 min read

“रूह से जिस्म तक”

तकलीफ ,मुझे भी होती हैं।
तू ना समझ मुझे, फर्क नहीं पड़ता है।
रूह से जिस्म तक ,लूटा दिया तुझपे।
तू मेरी कमिया निकाल, किसी गेर पर मरता है।
क्या इंसाफ है ,तेरी मोहब्बत का।
वादे मुझसे,और मोहब्बत किसी और से करता है।

Language: Hindi
Tag: शेर
10 Likes · 8 Comments · 635 Views

You may also like these posts

God's Grace
God's Grace
Poonam Sharma
4286.💐 *पूर्णिका* 💐
4286.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
वो मुझे प्यार नही करता
वो मुझे प्यार नही करता
Swami Ganganiya
I had to learn to take care of myself, to slow down when nee
I had to learn to take care of myself, to slow down when nee
पूर्वार्थ
मैंने हर मुमकिन कोशिश, की उसे भुलाने की।
मैंने हर मुमकिन कोशिश, की उसे भुलाने की।
ओसमणी साहू 'ओश'
हम अपने जन्मदिन ,सालगिरह और शुभ अवसर का प्रदर्शन कर देते हैं
हम अपने जन्मदिन ,सालगिरह और शुभ अवसर का प्रदर्शन कर देते हैं
DrLakshman Jha Parimal
हिन्दी साहित्य के सिरमौर दलित लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि / मुसाफ़िर बैठा
हिन्दी साहित्य के सिरमौर दलित लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
सुदामा कृष्ण के द्वार (1)
सुदामा कृष्ण के द्वार (1)
Vivek Ahuja
ज़िंदगी से
ज़िंदगी से
Dr fauzia Naseem shad
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
Harminder Kaur
म
*प्रणय*
भीम बाबा ने सबको कहा है
भीम बाबा ने सबको कहा है
Buddha Prakash
एक मौके की तलाश
एक मौके की तलाश
Sonam Puneet Dubey
राजीव प्रखर (कुंडलिया)
राजीव प्रखर (कुंडलिया)
Ravi Prakash
क्यों शमां मुझको लगे मधुमास ही तो है।
क्यों शमां मुझको लगे मधुमास ही तो है।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
चाय दिवस
चाय दिवस
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
कमाई
कमाई
शिव प्रताप लोधी
खाक मुझको भी होना है
खाक मुझको भी होना है
VINOD CHAUHAN
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
अपने विरुद्ध संघर्ष
अपने विरुद्ध संघर्ष
Rahul Singh
Anand mantra
Anand mantra
Rj Anand Prajapati
मेरी दवा भी आप हो।
मेरी दवा भी आप हो।
Rj Anand Prajapati
" परख "
Dr. Kishan tandon kranti
वृक्ष
वृक्ष
Kanchan Advaita
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमा
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमा
Rituraj shivem verma
शीर्षक -छाई है धुंँध
शीर्षक -छाई है धुंँध
Sushma Singh
स्मरण रहे
स्मरण रहे
Nitin Kulkarni
तमन्ना है बस तुझको देखूॅं
तमन्ना है बस तुझको देखूॅं
Monika Arora
प्रेम दिवानी
प्रेम दिवानी
Pratibha Pandey
कभी हमसे पुछिए
कभी हमसे पुछिए
Vivek saswat Shukla
Loading...