Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
24 Jul 2020 · 1 min read

संघर्ष

बिक चुका है मेरे आशियाने का सामान //
परन्तु बिकाऊ मेरा सम्मान नहीं //

बिक चुके है मेरे घर के गहने //
परन्तु बिकाऊ मेरा मन नहीं //

बिक चुके है मेरी असफलता के किस्से //
परन्तु बिकाऊ मेरा संघर्ष नहीं //

भले ही बिक चुकी है, मेरी मुस्कुराहट की हर एक वजह //
किन्तु बिकाऊ मेरा हौसला नहीं //

:~ कविराज श्रेयस सारीवान

Loading...