Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Feb 2024 · 1 min read

जहां से उठा वही से गिरा हूं मैं।

कोयले की खान से निकला हुआ हीरा हूं मैं।
जहां से उठा हूं वही से गिरा हूं मैं।
रुलाया है जिंदगी ने चोटियों तक हमें।
जिससे जीता था उसी से हारा हूं मैं।
सफलता रत्ती भर बाकी थी।
रत्ती भर ने ही थकाया हमें।
हम चढ़ गए थे उस डाली पर।
था फल लगा जिस पर ।
उन्हीं टहनियों ने गिराया हमें।
बह रहे थे बनकर इक नदी।
बनकर बांध अपनों ने भी ठहराया हमें।
मुफलिसी की पड़ी मार ऐसी।
रुपए ने ही बताया हालत मेरी।
फटे वस्त्र की तौहीन न कर।
लगी चोट तो घाव को सुखाया वही।
आनंद इस मैखाने में कमी है नशे की।
जो हसने का सबब था रुलाया वही।

RJ Anand Prajapati

121 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

दलित साहित्यकार कैलाश चंद चौहान की साहित्यिक यात्रा : एक वर्णन
दलित साहित्यकार कैलाश चंद चौहान की साहित्यिक यात्रा : एक वर्णन
Dr. Narendra Valmiki
यह देखो मिट्टी की हटरी (बाल कविता)
यह देखो मिट्टी की हटरी (बाल कविता)
Ravi Prakash
जिस मीडिया को जनता के लिए मोमबत्ती बनना चाहिए था, आज वह सत्त
जिस मीडिया को जनता के लिए मोमबत्ती बनना चाहिए था, आज वह सत्त
शेखर सिंह
वो कालेज वाले दिन
वो कालेज वाले दिन
Akash Yadav
#प्रतीकात्मक_शेर-
#प्रतीकात्मक_शेर-
*प्रणय प्रभात*
प्रीति - सावन की बौछारों में
प्रीति - सावन की बौछारों में
sushil sarna
ख्याल नहीं थे उम्दा हमारे, इसलिए हालत ऐसी हुई
ख्याल नहीं थे उम्दा हमारे, इसलिए हालत ऐसी हुई
gurudeenverma198
मां बाप
मां बाप
Mandar Gangal
रंग बिरंगी दुनिया होती हैं।
रंग बिरंगी दुनिया होती हैं।
Neeraj Kumar Agarwal
नहीं जब कभी हो मुलाकात तुमसे
नहीं जब कभी हो मुलाकात तुमसे
नूरफातिमा खातून नूरी
लड़कियां जिसका भविष्य बना होता है उन्हीं के साथ अपना रिश्ता
लड़कियां जिसका भविष्य बना होता है उन्हीं के साथ अपना रिश्ता
Rj Anand Prajapati
मेरे स्वर जब तेरे कर्ण तक आए होंगे...
मेरे स्वर जब तेरे कर्ण तक आए होंगे...
दीपक झा रुद्रा
करते हैं जो हृदय- निमंत्रण झूठे हैं...
करते हैं जो हृदय- निमंत्रण झूठे हैं...
Priya Maithil
Be valuable.
Be valuable.
पूर्वार्थ
बढ़ती उम्र के कारण मत धकेलो मुझे,
बढ़ती उम्र के कारण मत धकेलो मुझे,
Ajit Kumar "Karn"
काश!
काश!
Jai Prakash Srivastav
बेटियाँ
बेटियाँ
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल
रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल
Atul "Krishn"
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा तृतीय अध्याय।।
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा तृतीय अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कब मेरे मालिक आएंगे।
कब मेरे मालिक आएंगे।
Kuldeep mishra (KD)
" प्रेम का अर्थ "
Dr. Kishan tandon kranti
सिर्फ़ मेरे लिए बने थे तो छोड़कर जाना क्यूं था,
सिर्फ़ मेरे लिए बने थे तो छोड़कर जाना क्यूं था,
Shikha Mishra
यदि होना होगा, तो तूझे मेरा होना होगा
यदि होना होगा, तो तूझे मेरा होना होगा
Keshav kishor Kumar
मीडिया का वैश्विक परिदृश्य
मीडिया का वैश्विक परिदृश्य
Sudhir srivastava
चाय और सिगरेट
चाय और सिगरेट
आकाश महेशपुरी
अर्सा गुज़र गया है यूँ तो
अर्सा गुज़र गया है यूँ तो
हिमांशु Kulshrestha
वो भी क्या दिन थे क्या रातें थीं।
वो भी क्या दिन थे क्या रातें थीं।
Taj Mohammad
किस पर करूं यकीन ...
किस पर करूं यकीन ...
Sunil Suman
Ích Niệu Khang
Ích Niệu Khang
sức khỏe
ये नफ़रत है किसी ?
ये नफ़रत है किसी ?
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
Loading...